नेट-मीटरिंग क्या है? और नेट-मीटरिंग कैसे काम करती है?

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम मे नेट मीटर यह एक काफी महत्वपूर्ण पार्ट है, ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम लगवाते समय इस नेट मीटरिंग के प्रोसेस में सबसे अधिक समय लग जाता है। बगैर नेट मीटर के आपका यह ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम अधूरा है, इसीलिए आपको नेट मीटर या नेट मीटरिंग क्या होता है, इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए। तो आइये इस लेख में और आगे बढ़ते है और जानते है नेट-मीटरिंग क्या है इससे जुडी पूरी जानकरी।

क्या होता है नेट-मीटरिंग?

नेट मीटर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम मे नेट मीटर लगवाकर ही आप सोलर पैनल से निर्माण होने वाले बिजली को ट्रैक कर सकते हो। जैसे की सोलर पैनल्स से कितनी बिजली बन रही है, और आप यह सोलर पैनल्स से निर्मित बिजली में से कितनी बिजली यूटिलिटी ग्रिड पर भेज रहे हो, और कितने बिजली यूटिलिटी ग्रिड से ले रहे हो। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी नहीं होती, और जो भी बिजली सोलर पैनल्स से बनती है उसी यूटिलिटी ग्रिड में भेजा जाता है। नेट मीटरिंग का मुख्य काम यही है की बिजली पर ट्रैक रखना, हम कितनी बिजली ग्रिड पर भेज रहे है, और कितनी बिजली ग्रिड से वापिस ले रहे है, इसीसे आपके बिजली बिल का पता लगाया जाता है।

नेट-मीटरिंग कैसे काम करता है?

सोलर पैनल्स से जो भी बिजली बनती है, उसे सबसे पहिले इन्वर्टर के सहारे DC से AC करंट में कन्वर्ट किया जाता है। फिर उस बिजली को 2 जगहों पर बाटा जाता है, एक हिस्सा सीधे हमारे घर के उपकरणों को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो दूसरा हिस्सा आपके इलाके में होने वाले यूटिलिटी ग्रिड में भेजा जाता है। सोलर पैनल्स से जो भी अतिरिक्त बिजली बनती है उसे यूटिलिटी ग्रिड में भेजा जाता है। और रात के समय जब सोलर पैनल्स ऊर्जा उत्पन्न करना बंद कर देते है, उस वक्त यूटिलिटी ग्रिड पर भेजी गयी बिजली को नेट मीटरिंग के सहारे से वापस लिया जाता है। इस पूरी प्रोसेस में हम दिन के समय अतिरिक्त बिजली यूटिलिटी ग्रिड पर भेजते रहते है, वही रात के समय जब हमें बिजली की जरुरत होती है, तब हम यूटिलिटी ग्रिड से बिजली वापस लेते है।

यदि हम यूटिलिटी ग्रिड पर हर महीने 100 यूनिट बिजली भेज रहे है, और 120 यूनिट बिजली वापस ले रहे है तो आपको मात्र 20 यूनिट बिजली का ही बिल भरना होगा। यदि आप यूटिलिटी ग्रिड पर 100 यूनिट बिजली भेज रहे है, और मात्र 90 यूनिट बिजली ही वापस ले रहे है, ऐसे स्थिति में आपका बिजली बिल पूरी तरह से शुन्य हो जाएगा।

WhatsApp Group Join Now

नेट-मीटरिंग के लाभ

नेट मीटरिंग का सबसे बढ़ा लाभ यही है, की आप यूटिलिटी ग्रिड पर कितनी बिजली भेज रहे हो, और कितने बिजली वापस ले रहे हो इसे ट्रैक कर सकते हो।

यदि आप अपनी जरुरत से भी अधिक बिजली बनाते हो तो इसका आपको पता लग जाएगा, और आप भविष्य में उस हिसाब से विद्युत् उपकरणों की संख्या बढ़ा सकते हो।

akash chavan profile

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।

WhatsApp Group Join Now

THE ONLY HINDI SOLAR EBOOK

Download Now

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *