सोलर पैनल्स से कितने यूनिट बिजली बनती है: एक दिन में सोलर पैनल से कितनी बिजली बनेगी यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे की सोलर पैनल्स की क्षमता, दक्षता, मौसम, धुप की मात्रा और सोलर पैनल्स का स्थान। इस लेख के जरिये हम सोलर पैनल से एक दिन में कितने यूनिट बिजली बनती है? इससे जुडी पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे, और सोलर पैनल्स से ज्यादा से ज्यादा बिजली कैसे प्राप्त की जा सकती है, यह भी जानेंगे।
एक दिन में कितने यूनिट बिजली बनती है?
सोलर पैनल से प्रतिदिन कितने यूनिट बिजली बनती है इसकी जानकारी बोहत ही कम लोगो को होती है, और आपको इस बारे में जरूर पता होना चाहिए की प्रतिदिन इस सोलर पैनल से कितनी बिजली प्राप्त की जा सकती है, आप अगर प्रति किलोवाट के अनुसार जानना चाहते हो की, एक दिन में कितने यूनिट बिजली प्राप्त की जा सकती है, तो यह कुछ इस तरह हो सकता है।
सोलर सिस्टम (kW) | प्रतिदिन बनने वाली बिजली (यूनिट में) |
---|---|
1 किलोवाट | 4 से 5 यूनिट |
2 किलोवाट | 8 से 10 यूनिट |
3 किलोवाट | 12 से 15 यूनिट |
4 किलोवाट | 16 से 20 यूनिट |
5 किलोवाट | 20 से 25 यूनिट |
6 किलोवाट | 24 से 30 यूनिट |
7 किलोवाट | 28 से 35 यूनिट |
8 किलोवाट | 32 से 40 यूनिट |
9 किलोवाट | 36 से 45 यूनिट |
10 किलोवाट | 40 से 50 यूनिट |
ऊपर टेबल में बताई गयी बिजली की निर्मिति कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है जैसे की
प्रतिदिन सोलर पैनल्स को औसतन 5 से 6 घंटे धुप मिलनी चाहिए।
बारिश और सर्दियों के दिनों में बिजली की निर्मिति थोड़ी कम हो सकती है।
अच्छे रिजल्ट के लिए सोलर पैनल्स को सही दिशा में लगाना होता है।
इसे भी जरूर पढ़िए: 1 किलोवाट सोलर सिस्टम से कितने यूनिट बिजली पैदा होती है?
बिजली उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारक
- धूप की मात्रा: गर्मियों के दिनों में काफी तेज धुप होती है, जिसके कारण अधिक से अधिक बिजली प्राप्त की जा सकती है, वही बारिश और सर्दियों के दिनों में थोड़ी कम बिजली उत्पन्न हो सकती है।
- स्थान: भारत एक बोहत ही बड़ा देश है, जिसमे कई सारे राज्य है, और कुछ राज्य ऐसे हे जिनमे धुप काफी ज्यादा होती है, तो कुछ राज्यों में धुप की कमी होती है, इसीलिए आप किस स्थान से हो यह भी काफी निर्भर करता है।
- पैनल की दक्षता: सोलर पैनल्स के भी अलग-अलग प्रकार होते हैम, और इन सभी प्रकारों में दक्षता का फरक होता है, जिन पैनल्स की दक्षता अधिक होती है, उनसे ज्यादा बिजली प्राप्त की जा सकती है वही इनकी कीमत भी अधिक होती है।
- पैनल की सफाई: सोलर पैनल्स का अच्छे से रखरखाव करने के लिए इन पैनल्स को 15 से 20 दोनों में साफ़ करना होता है, जिससे इन पैनल्स से अधिक से अधिक बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
- इन्वर्टर और बैटरी: सोलर पैनल्स कितने भी अच्छे दक्षता वाले क्यों ना हो, पर साथ ही इन्वर्टर और बैटरी भी किस कंपनी की है यह भी निर्भर करता है। क्योकि जो भी बिजली सोलर पैनल्स से उत्पन्न हो रही है, उसका बिलकुल भी लॉस नहीं होना चाहिए।
निष्कर्ष:
सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का सीधा संबंध सोलर पेनल्स की दक्षता और धुप से है। अगर आपको दिन में औसतन 5 से 6 घंटे अच्छी धूप मिलती है, तो इससे प्रतिदिन बिजली कुछ इस तरह प्राप्त की जा सकती है।
- 1 kW का सोलर सिस्टम → 4-5 यूनिट/दिन
- 2 kW का सोलर सिस्टम → 8-10 यूनिट/दिन
- 5 kW का सोलर सिस्टम → 20-25 यूनिट/दिन
इसलिए, अगर आप अपने घर या बिजनेस के लिए सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो अपने जरूरत के हिसाब से सही सोलर पैनल सिस्टम का चुनाव करे।
दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।