मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल क्या है? इसके फायदे, नुकसान और कीमत

पेट्रोल, डीजल और कोयला जैसे परंपरागत संसाधन काफी दशकों से इस्तेमाल होते आ रहे हैं। लेकिन ऊर्जा के यह संसाधन सीमित है और एक न एक दिन खत्म भी हो जाएंगे लेकिन आज भी सूर्य इस पृथ्वी पर ऊर्जा का असीमित और सबसे बड़ा साधन है। 

सौर ऊर्जा की इन्हीं खूबियों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से सोलर एनर्जी पर बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है। आज के दौर में सोलर पैनल की तकनीक भी काफी सस्ती और एडवांस हो चुकी है।

वैसे तो आजकल बाजार में तरह-तरह के सोलर पैनल्स मौजूद हैं लेकिन मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल इन सभी से काफी एडवांस और लोकप्रिय है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की दक्षता काफी ज्यादा होती है अर्थात यह अन्य सोलर पैनल की अपेक्षा ज्यादा सौर ऊर्जा को इलेक्ट्रिसिटी में बदलने की क्षमता रखता है।

आज इस लेख के जरिए हम इसी मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की विशेषताएं कीमत और शानदार फीचर्स के बारे में जानेंगे।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल क्या है?

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल को ‘सिंगल क्रिस्टल सिलिकॉन सोलर पैनल’ के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि इस सोलर पैनल का निर्माण सिलीकॉन उपधातु के सिंगल बेलनाकार क्रिस्टल पीस से किया जाता है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स शुद्ध सिलिकॉन क्रिस्टल की मदद से तैयार किए जाते हैं इसलिए इनकी दक्षता (Efficiency) काफी ज्यादा होती है।

सिंगल क्रिस्टल सिलिकॉन से बने होने के कारण यह सोलर पैनल इलेक्ट्रॉन को ज्यादा जगह देते हैं जिसकी वजह से विद्युत का संचार भी काफी बेहतर हो जाता है।

यह सोलर पैनल सूर्य से मिलने वाली ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में करता है।

इन मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स को काला रंग दिया जाता है जिसकी बदौलत यह ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा का अवशोषण (Absorption) कर पाते हैं। यही कारण है कि मोनो क्रिस्टल सोलर पैनल सूरज की कम रोशनी में भी ज्यादा से ज्यादा अब्जॉर्प्शन करके विद्युत पैदा कर सकते हैं।

इस सोलर पैनल को बनाने के लिए सिलिकॉन क्रिस्टल के बार बनाए जाते हैं और उन्हें वेफर्स की तरह काटा जाता है। इन सोलर पैनल्स के किनारों से काट दिया जाता है जिसकी वजह से इनका किनारा गोल होता है।

ऐसे ही कई अन्य कारण भी हैं, जिनकी वजह से यह सोलर पैनल मार्केट में उपलब्ध अन्य सोलर पैनल की अपेक्षाकृत ज्यादा बेहतर और लोकप्रिय है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के फायदे

मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स शुद्ध सिलिकॉन की सिंगल क्रिस्टल से बनाए जाते हैं इसलिए इनकी दक्षता और एक्यूरेसी पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल और अन्य सोलर पैनल से काफी ज्यादा होती है। यह प्रति वर्ग फुट ज्यादा बिजली पैदा करने की क्षमता रखते हैं।

सोलर पैनल्स का काला रंग भी काम धूप में भी उनकी दक्षता के लिए काफी फायदेमंद होता है।

मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की दक्षता तकरीबन 17% से लेकर 21% तक होती है।

चूंकि मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल कम क्षेत्रफल में भी ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने की क्षमता रखते हैं इसलिए इनकी साइज छोटी होती है। यही कारण है कि इनके इंस्टॉलेशन के लिए कम जगह की जरूरत होती है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स का तापमान गुणांक काफी ज्यादा होता है इसलिए यह ऊष्मा के प्रतिरोधी होते हैं। यही कारण है कि तापमान बढ़ने के बावजूद भी इनका आउटपुट ज्यादा कम नहीं होता।

इन मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स को शुद्ध और हाई क्वालिटी के रॉ मटेरियल से तैयार किया जाता है साथ ही साथ ऊष्मा प्रतिरोधी भी होते हैं इसलिए यह काफी ज्यादा टिकाऊ होते है। यह सोलर पैनल 25 साल की लाइफटाइम वारंटी के साथ आते हैं लेकिन इनका लाइफटाइम 25 साल से लेकर 40 साल तक होता है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स के नुकसान

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स को काफी हाई क्वालिटी के रॉ मैटेरियल्स द्वारा तैयार किया जाता है जिनमें शुद्ध सिलिकॉन क्रिस्टल मौजूद होते हैं। इसलिए इन पैनल्स की बनावट में लागत ज्यादा आती है और यह ज्यादा मूल्य पर बेचे जाते हैं।

मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स को बनाने के लिए कॉर्नर की कटिंग की जाती है जिसकी वजह से इनका किनारा गोल होता है। लेकिन इस वजह से इनकी मैन्युफैक्चरिंग में काफी सिलिकॉन बर्बाद हो जाता है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की कीमत

हाई क्वालिटी के सिलिकॉन क्रिस्टल प्रोडक्ट होने की वजह से मोनोक्रिस्टल सोलर पैनल्स महंगे बिकने हैं। इनका महंगा बिकना भी स्वाभाविक है क्योंकि इनकी बनावट में लागत भी काफी ज्यादा आती है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की कीमत उनकी क्षमता के आधार पर तय की जाती है। जैसे कि,

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की क्षमताकीमत (Price In India)
50 Watt Solar PanelRs. 1,600
100 Watt Solar PanelRs. 3,200
150 Watt Solar PanelRs. 4,800
200 Watt Solar PanelRs. 5,200
250 Watt Solar PanelRs. 6,500
300 Watt Solar PanelRs. 7,800
350 Watt Solar PanelRs. 8,700

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के खास फीचर्स

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स काले रंग के होते हैं तथा ग्लास टेंपर्ड और एल्यूमीनियम द्वारा कवर होते हैं। यह सोलर पैनल भले ही दाम में महंगे होते हैं लेकिन इनकी कार्य क्षमता अन्य सोलर पैनलों से बेहतर होती है।

एक तरफ जहां पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की दक्षता तापमान बढ़ने के साथ काम हो जाती है वहीं मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स कहीं ज्यादा तापमान सहन करते हैं तथा एक सीमा तक तापमान के साथ उनकी दक्षता भी बढ़ती जाती है।

तापमान प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण ही इनकी भौतिक गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। इसी कारण यह पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल की अपेक्षाकृत ज्यादा टिकाऊ हो जाते हैं।

Frequently Asked Questions

मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल और अन्य से बेहतर क्यों हैं?

क्योंकि मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की एफिशिएंसी इन सब के मुकाबले ज्यादा होती है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल किस पदार्थ का बना होता है?

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल शुद्ध सिलिकॉन क्रिस्टल का बना होता है।

मोनो क्रिस्टलाइन पैनल्स पर कितने साल की वारंटी मिलती है?

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल प्रायः 25 साल की वारंटी के साथ आते हैं लेकिन इनका जीवनकाल 25- 40 तक हो सकता है l

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स और पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल का क्या अंतर है?

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल दाम में ज्यादा महंगे लेकिन पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल से ज्यादा बेहतर होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मोनोक्रिस्टल शुद्ध धातुओं से बनाए जाते हैं जबकि पाली क्रिस्टल अशुद्ध होते हैं।

akash chavan profile

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।

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