आज के समय भारत भर में सोलर पैनल सिस्टम की मांग काफी तेजी से बढ़ने लगी है। जब भी कोई सोलर पैनल सिस्टम लगवाने का निर्णय लेता है, तब उसे ऑन-ग्रिड सोलर, ऑफ-ग्रिड सोलर और हाइब्रिड सोलर के बारे में पता चलता है। लेकिन इन सभी में क्या अंतर है, यह आपको कोई नहीं बताएगा। आइए इस लेख में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम और हाइब्रिड सोलर सिस्टम इन तीनों में क्या अंतर है, और इन तीनों सोलर सिस्टम में कौन-कौन से उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले तो हम इन तीनों प्रकार के सोलर सिस्टम क्या होते हैं, इसके बारे में जान लेते हैं। तो आइए एक-एक करके इन सभी सोलर पैनल सिस्टम के बारे में जानते हैं।
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला सोलर पैनल सिस्टम है। यह ऐसा सोलर सिस्टम होता है जो ग्रिड से जुड़ा होता है, यानी आपके सोलर पैनल सिस्टम से बनने वाली बिजली को ग्रिड से जोड़ा जाता है। इस सोलर पैनल सिस्टम में बैटरी का उपयोग नहीं किया जाता। आप इस ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का उपयोग करके अपने बिजली बिल में लगभग 80% से 90% तक की कमी देख सकते हैं, या फिर अपने बिजली बिल को पूरी तरह से शून्य भी कर सकते हैं। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का उपयोग सबसे अधिक इसलिए किया जाता है क्योंकि इस सिस्टम को लगवाने पर आपको सरकार से सब्सिडी का लाभ भी मिलता है।
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?
यह सोलर सिस्टम का एक ऐसा प्रकार है जिसमें बैटरी का उपयोग किया जाता है। ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम का उपयोग करने से आपको बिजली कटौती जैसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। इस सोलर सिस्टम को लगवाने के बाद आप बिजली के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाते हैं। आपके इलाके में बिजली की कटौती होने पर भी आपको कोई दिक्कत नहीं होगी।
बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपने पर्याप्त बैटरियां लगवाई हों। दिन के समय धूप होने की वजह से आपके सोलर पैनल बिजली का निर्माण करते रहेंगे, जिसे आप तुरंत इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन रात के समय जब धूप नहीं होती, तब आप बैटरी में संग्रहित बिजली का उपयोग करेंगे। इसीलिए यह जरूरी है कि आपने अपनी जरूरत के अनुसार ही बैटरियां लगवाई हों।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम क्या है?
हाइब्रिड सोलर सिस्टम, ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम दोनों का मिश्रण होता है। इस सिस्टम से आपको बिजली कटौती जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि, इसका उपयोग बहुत कम लोग करते हैं, जिसका मुख्य कारण है इसकी अधिक कीमत। लेकिन हाइब्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करके आप हमेशा के लिए बिजली बिल से छुटकारा पा सकते हैं।
ऑन ग्रिड, ऑफ ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम में लगने वाले मटेरियल (COMPONENTS)
इन तीनों प्रकार के सोलर सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले उपकरण/मटेरियल में कोई ख़ास अंतर नहीं है, पर इन सभी मटेरियल के नाम कुछ इस तरह है।
| COMPONENTS | ON-GRID SOLAR | OFF-GRID SOLAR | HYBRID SOLAR |
|---|---|---|---|
| Solar Power Plant | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| Solar Structure | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| Solar Inverter | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| Solar Battery | NO ❌ | YES ✅ | YES ✅ |
| Junction Box | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| DC Cable | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| AC Cable | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| Solar Accessories | YES ✅ | YES ✅ | YES ✅ |
| Solar Net-Metering | YES ✅ | NO ❌ | YES ✅ |

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।




