पूरी दुनिया में तेजी से सोलर पैनल का उपयोग किया जाने लगा है, और बस कुछ ही सालों में हमें हर एक घर में सोलर पैनल देखने मिल सकता है। क्युकी इन सोलर पैनल का उपयोग करके बिजली बिल तो बचाया ही जा सकता है साथ ही सोलर ऊर्जा पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे में आपको इस सोलर पैनल के बढ़ते उपयोग को ध्यान देते हुए सोलर पैनल से जुडी सभी बाते पता होनी चाहिए, क्युकी सोलर ही फ्यूचर है। कुछ लोग तो सोलर पैनल से जुडी बाते जानने के लिए काफी उत्सुक होते है, जैसे की सोलर पैनल क्या होता है, सोलर पैनल काम कैसे करता है। और सोलर पैनल से बिजली कैसे बनायीं जाती है। इन सभी बातों के बारे में तो आपको पता होना ही चाहिए साथमे आपको सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया इससे जुडी जानकारी भी होनी चाहिए तो आइये इस लेख में आगे बढ़ते है और जानते है सोलर पैनल के आविष्कार से जुडी सभी बाते।
सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया?
सोलर पैनल के आविष्कार का श्रेय किसी एक ही व्यक्ति को नहीं जाता क्योंकि सोलर पैनल बनाने में कई लोगों का योगदान और मेहनत है। निचे बताये गए लोगों ने सोलर निर्माण करने में काफी योगदान दिया है।
एडमंड बेक्वेरेल (1839): एडमंड बेक्वेरेल ने साल 1839 में जब की वह मात्र 19 साल के थे तब उन्होंने सोलर सेल का आविष्कार किया। यह पहिला ऐसा उपकरण था जिसमे सूर्य के प्रकाश से बिजली उत्पन्न की गयी। एडमंड बेक्वेरेल ने पहिली बार फोटोवोल्टिक के इफ़ेक्ट का पता लगाया, और इस बात का भी पता लगाया की सूर्य के प्रकाश से बिजली कैसी बनायीं जाती है।
चार्ल्स फ्रिट्स (1883): सोलर सेल की खोज तो 1839 में एडमंड बेक्वेरेल द्वारा हुई थी पर, 1883 में अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स फ्रिट्स ने दुनिया में पहिली बार सोलर सेल बनाया। चार्ल्स फ्रिट्स ने सेलेनियम, धातु और गिलास की मदत से पहिला सोलर सेल बनाया। सूर्य की किरण इस सोलर सेल पर पड़ते ही उससे बिजली पैदा होने लगी थी। चार्ल्स फ्रिट्स द्वारा बनाये गए यह सोलर सेल्स इतने एफिशंट (efficient) नहीं थे। जिसके कारण मात्र इससे 1% ही बिजली बन रही थी। पर उनके इस एक्सपेरिमेंट की वजह से यह पता चला की इन सोलर सेल्स से बिजली बनायीं जा सकती है इसी वजह से इसका पूरा श्रेय चार्ल्स फ्रिट्स को जाता है।
बेल लैब्स (1954): साल 1954 में बेल लैब्स में अमेरिकी वैज्ञानिक गेराल्ड पियर्सन, केल्विन फुलर और डेरिल चैपिन ने सिलिकॉन सोलर सेल का आविष्कार किया। इस सोलर सेल की एफिशन्सी (Efficiency) 6% थी जो की चार्ल्स फ्रिट्स के अविष्कार से 6 गुना ज्यादा थी। और पहली बार ऐसी बिजली प्राप्त हुई थी जो की सूर्य ऊर्जा को बिजली में बदल कर विद्युत उपकरण चलाने के काबिल थी। बेल लैब्स में ही यह पता लगाया गया की रेत में पाए जाने वाले सिलिकॉन फोटोवोल्टिक तत्व के गुण सेलेनियम से काफी बेहतर है। और इसी आविष्कार से आज हम देख सकते है की किस तरह सोलर पैनल की मदत से लाखों घरों में बिजली आचुकी है, और किस तरह लोग सोलर पैनल की मदत से अपना बिजली बिल बचा रहे हे और पर्यावरण की मदत भी कर रहे है।
एलियट बर्मन(1970): बेल लैब्स के वैज्ञानिकों ने जो सोलर सेल का जो आविष्कार किया यह तो इस सोलर पैनल इंडस्ट्री की बस शुरुवात थी। और इस टेक्नोलॉजी को और आगे बढ़ाने ने लिए सैकड़ों वैज्ञानिक और इंजिनीयरों ने काफी मेहनत की पर 1970 में एलियट बर्मन ने एक्सॉन कारपोरेशन (Exxon Corporation) की मदत से और भी सस्ते सोलर सेल बनाये जो सोलर सेल $100 प्रति वाट पर बिक रहे थे उन्हें $20 प्रति वाट पर लाकर रख दिया। कीमत के साथ साथ उसमे ऐसे मटेरियल का उपयोग किया गया जिससे यह सोलर सेल और भी एफिशंट हो गए। और 1970 में सोलर पैनल की तेजी से डिमांड बढ़ने लगी।
Frequently Asked Questions
सोलर पैनल के निर्माता कौन है?
सोलर पैनल का आविष्कार तो वैसे काफी सारे वैज्ञानिकों ने किये है, पर एडमंड बेक्वेरेल को सोलर पैनल का निर्माता माना जाता है।
पहला सोलर पैनल किसने बनाया था?
बेल लैब्स में कार्यरत अमेरिकी वैज्ञानिक गेराल्ड पियर्सन, केल्विन फुलर और डेरिल चैपिन ने सोलर पैनल बनाया।
दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।