सूर्य प्राकृतिक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा नवीनकरणीय है। यानी की सौर ऊर्जा का उपयोग करने के बावजूद भी इसका भंडारण कभी खत्म नहीं होता। यही वजह है कि आजकल ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्राथमिकता सौर ऊर्जा को दी जाने लगी है।
सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा के फोटॉन को विद्युतऊर्जा में बदलकर मानवी संसाधनों द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए सोलर पैनल डिवाइस की आवश्यकता पड़ती है। यही सोलर पैनल सेल्स सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने का काम करते हैं।
आजकल मार्केट में कई वैरायटी के सोलर पैनल मौजूद हैं। इन्हीं सोलर पैनल्स में PERC solar panel भी एक है, जिसका पूरा नाम Passivated Emitter And Rear Cell है। इन सोलर पैनल्स की खास बात यह है कि आम सोलर पैनल की तुलना में यह ज्यादा एडवांस होते हैं।
यह PERC सोलर पैनल परंपरागत सोलर सेल्स से काफी ज्यादा दक्ष होते हैं, क्योंकि इनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता उन पैनल्स से ज्यादा होती है।
इस सोलर पैनल की ऊर्जा उत्पादन क्षमता मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन दोनों सोलर पैनल से ज्यादा होती है। इनकी सबसे खास बात यही है कि यह कम धूप में भी ज्यादा ऊर्जा उत्पादन की क्षमता रखते हैं और खराब मौसम में भी अधिक से अधिक बिजली उत्पादन करते हैं।
आइए आज हम आपको इस सोलर पैनल के बारे में विस्तार से बताते हैं, ताकि आपको इसका फायदे और नुकसान पता चल सके साथ साथ हम आपको इसकी कीमत और खास फीचर्स के बारे में भी बताएंगे।
PERC सोलर पैनल क्या है?
PERC सोलर पैनल Passivated Emitter And Rear Cell की मदद से बनाए जाते हैं इसलिए इन्हें PERC या Rear सोलर सेल के नाम से जाना जाता है।
यह सोलर पैनल बनावट के मामले में सबसे अलग होते हैं। भले ही इनका निर्माण भी सिलिकॉन क्रिस्टल द्वारा होता है लेकिन यह बहुत संशोधित करके बनाए गए हैं।
PERC सोलर पैनल के पीछे एक अतिरिक्त परत लगी होती है जिसकी मदद से एनर्जी फोटॉन्स वापस से PERC सोलर सेल परावर्तित हो जाते हैं और विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित भी कर दिए जाते हैं। इस परत को डाईइलेक्ट्रिक पैसिविलेशन परत कहा जाता है।
यह सोलर पैनल हाफ कट द्वारा मोनोक्रिस्टलाइन और पॉली क्रिस्टलाइन सोलर सेल्स में भी बनाए जाते हैं। मोनो क्रिस्टल PERC सेल को बनाने के लिए मोनोक्रिस्टलाइन और पॉली क्रिस्टलाइन सेल्स में PERC सेल की एक अतिरिक्त परत जोड़ दी जाती है जिसकी वजह से दोनों ही सोलर सेल्स की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
इसे भी जरूर पढ़िए: मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल क्या है?
PERC सोलर पैनल्स के खास फीचर्स
इन सोलर पैनल्स की दक्षता तकरीबन 25% होती है। यह सोलर पैनल मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की अपेक्षाकृत 5 प्रतिशत ज्यादा ऊर्जा उत्पादन क्षमता रखते हैं जबकि पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की तुलना में 8% से 10% ज्यादा ऊर्जा उत्पादन की क्षमता रखते हैं।
इन सोलर पैनल्स की लागत ₹30 से ₹40 प्रतिवाट होती है। इन सोलर पैनल्स का किनारा गोलाकार बनाया जाता है। खराब मौसम में भी इन सोलर पैनल्स की दक्षता कम नहीं होती बल्कि यह अन्य सोलर पैनल्स के मुकाबले खराब मौसम में भी उनसे ज्यादा ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
एक अतिरिक्त परत होने के कारण यह ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए सक्षम होते हैं। अन्य सोलर पैनल्स की तरह इनका भी जीवनकाल लगभग 25 साल का होता है लेकिन इनकी तप प्रतिरोधक क्षमता इनका जीवन काल बढ़ा देती है।
यह सोलर पैनल्स छत पर इंस्टॉलेशन के लिए काफी कम जगह लेते हैं क्योंकि इनके किनारो को काट दिया जाता है तथा इन्हें छोटा आकार दिया जाता है।
PERC सौर पैनल के फायदे
PERC सोलर पैनल्स ट्रेडिशनल सोलर पैनल की अपेक्षा ज्यादा ऊर्जा उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इन सोलर पैनल्स को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि कम धूप में भी इनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता ज्यादा होती हैं।
PERC सोलर पैनल्स में ताप प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा होती है जिसकी वजह से तापमान बढ़ने पर इनकी उत्पादन क्षमता पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि ज्यादा तापमान होने पर भी यह बेहतर क्षमता के साथ काम करते हैं।
जैसा कि हमने आपको बताया कि इस सोलर पैनल में एक अतिरिक्त डाइलेक्ट्रिक पैसिवलेशन परत होती है जो ऊर्जा फोटॉन को परावर्तित करके PERC सोलर सेल में पहुंचा देती है, जिसकी वजह से उनकी अवशोषण और ऊर्जा की उत्पादन क्षमता दोनों बढ़ जाती है।
PERC सोलर सेल्स की दक्षता मोनो क्रिस्टलाइन और पॉली क्रिस्टलाइन पैनल्स पर निर्भर करती है क्योंकि मोनो क्रिस्टल के साथ अतिरिक्त परत जोड़ने के बाद उनकी दक्षता और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
कम धूप और ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों में इन सोलर पैनल्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है क्योंकि यह धूप के साथ भी ज्यादा ऊर्जा उत्पादित करते हैं तथा ज्यादा हद तक तापमान सह सकते हैं।
इसे भी जरूर पढ़िए: पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल क्या है?
PERC सोलर पैनल के नुकसान
ऊर्जा उत्पादन क्षमता ज्यादा होने के कारण यह सोलर पैनल दाम में कुछ ज्यादा ही महंगे होते हैं जिसकी वजह से कम बजट वाले लोग इनका उपयोग नहीं कर सकते हैं।
इन सोलर पैनल्स की कीमत प्रति वॉट क्षमता के लिए ₹30 से लेकर 38 रुपए होती है जो की अन्य पैनल्स की अपेक्षा काफी महंगा है।
यह पर सोलर पैनल्स भले ही मोनो क्रिस्टलाइन और पॉली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल से अच्छे होते हैं लेकिन फिर भी इनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता N टाइप सोलर पैनल की तुलना में काफी कम होती है।
PERC सोलर पैनल की कीमत
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की क्षमता | कीमत (Price In India) |
50 Watt Solar Panel | Rs. 1,900 |
100 Watt Solar Panel | Rs. 3,700 |
150 Watt Solar Panel | Rs. 5,400 |
200 Watt Solar Panel | Rs. 7,000 |
250 Watt Solar Panel | Rs. 8,500 |
300 Watt Solar Panel | Rs. 9,900 |
350 Watt Solar Panel | Rs. 11,550 |
450 Watt Solar Panel | Rs. 13,950 |
500 Watt Solar Panel | Rs. 15,000 |
550 Watt Solar Panel | Rs. 16,500 |
Frequently Asked Questions
PERC का पूरा नाम Passivated Emitter And Rear Cell है।
ताकि अतिरिक्त परत पर टकराने वाली फोटॉन किरणें वापस PERC सेल में लौट सकें और उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ सके।
PERC सोलर पैनल का जीवनकाल 25 से 40 साल तक होता है।
दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।