आजकल देशभर में सोलर पैनल की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस सोलर पैनल की बदौलत बिना किसी कॉर्बन फुटप्रिंट प्रदूषण के बिजली पैदा की जाती है।
सोलर पैनल के आ जाने से देश भर में बिजली के लिए लोगों में आत्मनिर्भरता आ गई है। अब किसान न केवल अपनी कृषि और घरेलू जरूरतों के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करता है, बल्कि बिजली उत्पादन बढ़ने पर इसका निर्यात भी कर सकता है।
सोलर सिस्टम की मदद से केवल घरेलू जरूरत ही नहीं बल्कि व्यावसायिक ज़रूरतें भी पूरी हो सकती हैं। आज कल सोलर एनर्जी की मदद से काफी सारे उद्योग चलाए जा रहे हैं।
सोलर पैनल या सिस्टम से अपनी जरूरत के मुताबिक किफायती दर पर बिजली पैदा करने के लिए पैनल्स की समझ होनी जरूरी है। आजकल मार्केट में विभिन्न तरह के सोलर पैनल और सोलर सिस्टम मौजूद है लेकिन इनमें से आपके लिए कौन सा उपयुक्त है, यह जानना भी बेहद जरूरी है।
इसलिए आज हम आपके लिए कुछ Solar Panel Buying Tips लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से सोलर पैनल का चुनाव कर सकते हैं।
सोलर पैनल खरीदने के टिप्स
इस समय लोग सोलर पैनल की मदद से न केवल अपनी घरेलू ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि छोटा-बड़ा व्यापार भी चला रहे हैं। लेकिन इन दोनों ही परिस्थितियों में यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन सा सोलर पैनल घरेलू उपयोग के लिए अच्छा है तो कौन सा व्यवसाय के लिए?
सोलर पैनल खरीदते वक्त आपको सोलर पैनल से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां जरूर होनी चाहिए। चलिए अब आपको इन अहम जानकारी के बारे में बताते हैं।
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सोलर पैनल की दक्षता
सोलर पैनल की दक्षता का मतलब यह होता है कि वह सोलर पैनल कितनी मात्रा में सौर ऊर्जा अवशोषित कर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करती है। जो सोलर पैनल जितना ज्यादा विद्युत उत्पादन करती है वह उतनी ही ज्यादा दक्षता की होती है।
मार्केट में अलग-अलग दक्षता या विद्युत उत्पादन क्षमता वाले सोलर पैनल्स और सिस्टम उपलब्ध होते हैं। घरेलू उपयोग के लिए काम दक्षता का सोलर पैनल भी काम चल सकता है लेकिन व्यावसायिक उत्पादन की ज़रूरत पूरी करने के लिए अधिक दक्षता वाले सोलर पैनल्स या सिस्टम की जरूरत पड़ती है।
बाजार में पॉली क्रिस्टलाइन और मोनो क्रिस्टलाइन दोनों ही तरह के सोलर पैनल्स मौजूद होते हैं। लेकिन इन सोलर पैनल्स में मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की दक्षता ज्यादा होती है।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की विद्युत उत्पादन क्षमता 21% तक होती है जबकि पाली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की क्षमता केवल 17% तक होती है।
इसलिए अगर आपको बजट मे ज्यादा विद्युत उत्पादन की जरूरत है, तो आपके लिए मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल किफायती और असरदार साबित होते हैं। हालांकि मार्केट में मोनो क्रिस्टलाइन के अलावा बायफेशियल व PERC जैसे बहुत ज्यादा दक्षता वाले सोलर पैनल्स भी मौजूद होते हैं लेकिन इनकी कीमत भी ज्यादा होती है।
सोलर पैनल की वारंटी
वैसे तो लगभग हर सोलर पैनल 25 साल तक की वारंटी के साथ आता है, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस वारंटी काफी अलग-अलग होती है। परफॉर्मेंस वारंटी में सोलर कंपनी यह दावा करती है कि आने वाले सालों में सोलर पैनल की दक्षता ऐसे ही बरकरार रहेगी, यह बहुत कम गिरावट आएगी।
जबकि सोलर पैनल पर 25 साल की वारंटी सोलर पैनल में खराबी आने पर उसकी मरम्मत करने के लिए होती है। सोलर पैनल खरीदते वक्त हमें उस प्रोडक्ट की वारंटी और परफॉर्मेंस की वारंटी दोनों ही जान लेनी चाहिए।
कई बार वारंटी के विषय में जानकारी न होने के कारण ग्राहकों को सोलर पैनल में खराबी आने पर मरम्मत की सेवाएं नहीं मिल पाती। लेकिन अगर हमें इस परफॉर्मेंस और प्रॉडक्ट वारंटी के बारे में जानकारी है तो भविष्य में कोई भी खराबी आने पर हम कंपनी द्वारा दी गई वारंटी को क्लेम कर सकते हैं।
इसलिए कोई भी पैनल या सिस्टम खरीदते वक्त उसकी वारंटी जरूर पता कर लेनी चाहिए।
ग्राहकों की समीक्षाएं (Customer Reviews)
किसी भी कंपनी अथवा मॉडल का सोलर पैनल अथवा सोलर सिस्टम खरीदते समय हमें कस्टमर द्वारा प्रोडक्ट पर दी गई रिव्यूज के बारे में जान लेना चाहिए।
किसी कंपनी का सोलर पैनल खरीदने से पहले उनकी वेबसाइट पर एक बार जरुर विजिट करना चाहिए और उनके प्रोडक्ट्स पर कस्टमर के रिव्यू को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इन कस्टमर रिव्यूज की मदद से आपको पता चल जाएगा की जिस कंपनी का सोलर पैनल या सिस्टम आप खरीद रहे हैं, वह कंपनी विश्वसनीय है या नहीं।
ग्राहकों की समीक्षाएं मिलने के बाद हम अपने लिए सही और गलत का फर्क चुन सकेंगे। इन कस्टमर रिव्यूज की बदौलत हमें सोलर पैनल प्रोडक्ट्स की परफॉर्मेंस तथा कंपनी की सेवाओं के बारे में निष्पक्ष एवं ठोस जानकारी मिल जाती हैं।
सोलर पैनल का तापमान गुणांक
सोलर पैनल खरीदते समय उनका तापमान गुणांक जान लेना उतना ही जरूरी है जितना कि उनकी दक्षता तथा क्षमता जाननी जरूरी है।
सोलर पैनल का तापमान गुणांक उसकी ताप प्रतिरोधक क्षमता को दर्शाता है। अर्थात जिन सोलर पैनल्स का तापमान गुणांक ज्यादा होता है उनके ताप प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा होती है, जिसकी वजह से वह ज्यादा तापमान वाले इलाकों में भी अच्छी मात्रा में विद्युत ऊर्जा पैदा करते हैं।
उदाहरण के तौर पर मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स का तापमान गुणांक पालीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से ज्यादा होता है जिसकी वजह से वह ज्यादा तापमान तथा कम तापमान दोनों ही स्थितियों में अच्छी दक्षता दर्शाते हैं।
तापमान गुणांक ज्यादा होने के साथ-साथ सोलर पैनल का जीवन काल भी बढ़ जाता है क्योंकि उच्च तापमान गुणांक की वजह से तापमान बढ़ने के बाद भी उनका क्षय नहीं होता।
यह कुछ ऐसे महत्वपूर्ण टिप्स है जिनकी मदद से आप फ्रॉड कंपनियों की धोखाधड़ी और खराब प्रॉडक्ट से भी बच सकते हैं। कोई भी सोलर पैनल खरीदते समय आप सभी को इन Solar Panel Buying Tips पर ध्यान अवश्य देना चाहिए।
दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।