सोलर पैनल तो हर कोई लगाना चाहता है। पर सोलर पैनल लगाने से पहले उनके दिमाग में सोलर पैनल को लेकर तरह-तरह के सवाल आते हैं। जैसे कि सोलर पैनल क्यों लगाना चाहिए? इसके फायदे क्या हैं? नुकसान क्या हैं? और इन्हीं में से एक सवाल यह है कि सोलर पैनल से कितनी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है? अगर आपको भी सोलर पैनल को लेकर यह सवाल है, तो इस लेख में हम आपको इसका सटीक जवाब देने का पूरा प्रयास करेंगे। इससे आपको यह भी पता लग जाएगा कि सोलर पैनल से कितनी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
सोलर पैनल से कितनी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है, यह बताने के लिए हम 1KW (एक किलोवाट) के सोलर पैनल का उदहारण लेंगे।
1KW सोलर सिस्टम की कीमत को लेकर काफी सारे लोगों के सवाल आते हैं कि एक किलोवाट सोलर सिस्टम से हमें डेली कितने यूनिट मिलते हैं? क्या खाली एक किलोवाट सोलर सिस्टम लगाकर हमारे घर में जितने भी एप्लायंस है उन्हें चलाया जा सकता है, और एक किलोवाट सोलर सिस्टम से क्या क्या एप्लायंसेज चलाए जा सकते हैं?
इसके साथ ही हम कैसे पता करेंगे कि हमारे घर के अंदर हमें कितने यूनिट की जरूरत है। कितने किलोवाट का सोलर सिस्टम खरीदना चाहिए, तो यह सारी जानकारी आज आपको इस लेख में मिलने वाली है।
क्या ज्यादा सोलर पैनल का उपयोग करके ज्यादा उपकरण इस्तेमाल कर सकते है।
कई लोगों की एक गलतफहमी है कि जितने ज्यादा सोलर पैनल उपयोग में लेंगे, उतने ही ज्यादा लोड चला पाएंगे। यह बात काफी हद तक सही और गलत भी है, क्योंकि सोलर पैनल का प्रमुख काम बैटरी को चार्ज करना या फिर बिजली बिल को कम करने का होता है।
हमारे घर में जो भी उपकरण होते हैं, वे सोलर पैनल की मदद से सीधे नहीं चलते हैं। सोलर पैनल हमारी बैटरी को चार्ज करते हैं, और उस बैटरी की मदद से हमारे घर में जितने भी उपकरण हैं, वे चलते हैं।
आपको जितना ज्यादा लोड एक समय में चलाना है, उतनी ज्यादा क्षमता (कैपेसिटी) के इन्वर्टर की आपको आवश्यकता होगी। और जितने लंबे समय तक आपको लोड चलाना है, उतनी ज्यादा क्षमता (कैपेसिटी) की आपको बैटरी की आवश्यकता होगी।
एक किलोवाट सोलर सिस्टम से आपको डेली कितने यूनिट मिलेंगे?
अब यहां पर बात करते हैं कि एक किलोवाट सोलर सिस्टम से हमें डेली कितने यूनिट मिल जाएंगे। तो यहां पर जो बिजली बनाने का काम है वह सोलर पैनल का है। एक सामान्य जगह (जैसे राजस्थान) जहां तेज धुप होती है, तो यहां पर सोलर पैनल से आपको लगभग 4-5 यूनिट डेली बिजली मिल जाती है।
लेकिन इसके बजाय अगर आप उत्तरी भारत (जैसे कश्मीर, हिमाचल या फिर लद्दाख) से हैं तो यहां पर आपको जो है रोजाना 2-3 यूनिट या फिर मैक्सिमम 4 यूनिट ही देखने मिलेंगे। क्योंकि वहां पर इतनी ज्यादा धूप लगातार नहीं आती है और जब बर्फबारी होती है तो वहां पर काफी कम धूप होती है। तो ऐसे में जितनी धूप वहां पर आपको मिलेगी उससे आप नॉर्मली बल्ब वगैरा चला सकते हैं। इतनी ही धूप वहां पर आपको मिल पाएगी। इसके साथ ही बारिश के मौसम में भी हमें 2-3 यूनिट बिजली मिल ही जाती है।
4 से 5 यूनिट को कैसे काम में ला सकते है।
अब यहां पर बात करते हैं कि हमें जो चार यूनिट से पांच यूनिट रोजाना मिल रहे हैं, उन्हें हम कैसे काम में ले सकते हैं। दिन के समय में, सोलर पैनल बैटरी को चार्ज करते रहेंगे। एक किलोवाट सिस्टम में आमतौर पर 150 एमएएच की दो बैटरी का उपयोग किया जाता है, जो लगभग 3000 वाट का आउटपुट देती हैं।
बैटरी दिन के समय में सोलर पैनल से लगातार चार्ज होती रहती है और यह लोड को चालू रखती है। तो दिन के दौरान, हम 2 से 3 यूनिट बिजली खर्च कर सकते हैं। यदि बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाती है, तो हम रात के समय में 3 यूनिट बिजली का उपयोग कर सकते हैं। सुबह होते ही, बैटरी फिर से चार्ज होनी शुरू हो जाएगी।
यानी कि, अगर हम दिन में 2 यूनिट बिजली खर्च करते हैं, तो रात में हमारे पास 3 यूनिट का बैकअप होगा।
1KW सोलर पैनल से कौन-कौन से उपकरण चलाए जा सकते हैं?
अब यहां बात करते हैं कि एक किलोवाट सोलर सिस्टम से कौन-कौन से उपकरण चलाए जा सकते हैं और उन्हें कितनी देर तक चलाया जा सकता है। सबसे पहले, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हम अपनी इनवर्टर की अधिकतम 70% क्षमता तक का ही लोड चला सकते हैं।
अगर आपकी आवश्यकता अधिक है या आप कुछ समय के लिए उससे अधिक लोड चलाना चाहते हैं, तो आपको अधिक क्षमता वाला इनवर्टर लेना होगा।
यहां एक बुनियादी गणना दी गई है जो आपको बताती है कि आप क्या-क्या चीजें चला सकते हैं, यह मानते हुए कि आपके पास बिजली का कनेक्शन नहीं है:
- पांच बल्ब (10-10 वाट)
- एक नॉर्मल फ्रिज (24 घंटे तक)
- दो पंखे
- आधा एचपी की पानी की मोटर (1-2 घंटे तक)
यह लोड आपके बैटरी और इनवर्टर पर बहुत अधिक दबाव नहीं डालेगा, और आप उसी समय अन्य चीजें भी चला सकते हैं।
आधा एचपी की मोटर एक सामान्य घर के लिए पर्याप्त है। यदि आप बड़ा मोटर चाहते हैं, तो आप एक एचपी की मोटर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इस मामले में आपको इनवर्टर की क्षमता बढ़ानी पड़ सकती है।
अगला उपकरण जो आप इस्तेमाल कर सकते हैं वह है टेलीविजन। एक सामान्य एलईडी टीवी 200 वाट तक बिजली खर्च करता है, और आप इसे 2-3 घंटे तक आसानी से चला सकते हैं।
यह सभी उपकरण हैं जो आप एक किलोवाट सोलर सिस्टम से दिन और रात मिलाकर आसानी से चला सकते हैं।
हम कितने यूनिट का इस्तेमाल कर रहे हैं, कैसे पता लगाए?
अगर आप, हर महीने कितने यूनिट की खपत कर रहे है, और आपको कितने यूनिट की आवशक्यता है, यह जानना चाहते है तो इसके लिए सबसे आसान तरीका यह है की आप अपने बिजली बिल को देखें। बिल पर महीने में खपत किए गए यूनिट की संख्या लिखी होती है।
मान लीजिए कि आपको पता चलता है कि आपके 300 यूनिट पूरे महीने में खर्च होते हैं। तो डेली आपके लगभग 10 यूनिट की जरूरत होती है।
इसके बाद में, आप देख सकते हैं कि आपके घर में कौन-कौन से उपकरण चल रहे हैं। क्या एसी चल रहा है, या कोई हाई कैपेसिटी या हाई लोड वाला उपकरण है? इस चीज का पता लगाकर देख सकते हैं कि मैक्सिमम एक टाइम में आपको कितने लोड की जरूरत है।
उसके हिसाब से, अगर मान लेते हैं कि हमारे 10 यूनिट की खपत डेली की है, तो यहां पर दो किलोवाट से लेकर तीन किलोवाट सोलर सिस्टम लगाकर हम अपने घर को पूरी तरह से सोलर सिस्टम पर कन्वर्ट करा सकते हैं। हमें यहां पर अलग से बिजली के कनेक्शन की जरूरत नहीं होगी।
इन बातों के अलावा और भी कुछ अन्य बाते है जिनपर आप विचार कर सकते है
- यदि आपका घर ज्यादा धूप मिलने वाले जगह पर है, तो आपको कम किलोवाट वाले सोलर पैनल की जरुरत पड़ेगी।
- सोलर पैनल रखने के लिए, आपके छत पर पर्याप्त जगह होनी चहिये।
- सोलर पैनल का बजट आपके जरुरत के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।
सोलर लोड को कैलकुलेट कैसे करें?
इंटरनेट पर ऑनलाइन काफी सारी ऐसी वेबसाइटें हैं जिनसे आप लोड कैलकुलेटर चेक कर सकते हैं। आप लूम सोलर डॉटकॉम पर जाकर भी ऑनलाइन लोड कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
आप अपने सभी उपकरणों की जानकारी वहां पर भर सकते हैं। आपको यह भी बताना होगा कि आप उन्हें प्रतिदिन कितने घंटे तक चलाते हैं। यदि आप पूरी जानकारी भरते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि आपके घर में प्रतिदिन कितनी यूनिट बिजली की खपत हो रही है।
Frequently Asked Questions
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सोलर पैनल कितना बिजली उत्पान करता है?
सोलर पैनल की साइज़, एफीशियेन्सी और सोलर रेडीयेशन के बेस पर बिजली का उत्पादन होता है। आमतौर पर, एक एवरेज रेसिडेन्षियल सोलर पैनल सिस्टम लगभग 250 वॉट्स से 400 वॉट्स की पवर उत्पान कर सकता है।
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सोलर पैनल कितने घंटे बिजली उत्पादित करता है?
सोलर पैनल केवल दिन में ही बिजली उत्पादन करता है, और यह तभी बिजली का उत्पादन करता है जब आसमान में धुप मौजूद रहती है। हालाँकि यह 05 से 06 घंटे अच्छे से बिजली उत्पादन करता है।
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सोलर पैनल की कार्यक्षमता क्या होती है?
जितना ज्यादा अच्छा और साइज में बड़ा सोलर पैनल होगा, उससे उतना ही ज्यादा बिजली की उत्पति होगी। ऐसे में आप अच्छे से अच्छे सोलर पैनल का ही चुनाव करें।
निष्कर्ष
उम्मीद है की आपको सोलर पैनल से कितनी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है? इसके बारे ने यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको हमारी यह जानकरी अच्छी लगी है तो कमेंट करके जरूर बताइयेगा। धन्यवाद।
दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।