ऑन ग्रिड, ऑफ ग्रिड या हाइब्रिड कौनसा सोलर सिस्टम आपके लिए बेहतर है?

पिछले कुछ सालों से सोलर पैनल सिस्टम का उपयोग काफी तेजी से बढ़ने लगा है। लोग अपने घरों से लेकर दुकानों और फैक्ट्रियों तक में खुद का सोलर पैनल सिस्टम लगवाना चाहते हैं। पर जब सोलर पैनल सिस्टम लगवाने का निर्णय बन जाता है, तब लोगों को यह पता चलता है कि सोलर पैनल सिस्टम के भी तीन अलग-अलग प्रकार होते हैं, और इन तीनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इन सभी प्रकारों में से आपको कौन-सा सोलर पैनल सिस्टम लगवाना चाहिए, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम सोलर पैनल सिस्टम के सभी प्रकारों के बारे में और आपके लिए कौन-सा सिस्टम फायदेमंद रहेगा, यह समझाने वाले हैं।

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On-Grid Solar System (ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम)

यह सोलर पैनल सिस्टम का सबसे लोकप्रिय प्रकार है। ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम लगवाकर आप न केवल अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं, बल्कि इसके साथ सरकार से सब्सिडी का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं और पर्यावरण की भी सहायता कर सकते हैं।

इस सिस्टम में आपके क्षेत्र की सरकारी बिजली ग्रिड को नेट मीटरिंग के माध्यम से सोलर सिस्टम से जोड़ा जाता है। यानी सोलर पैनल्स से बनने वाली बिजली का एक हिस्सा आपके घर में इस्तेमाल होता है और बाकी यूटिलिटी ग्रिड पर चला जाता है। दिन के समय बनने वाली अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजी जाती है और रात के समय उसी बिजली को वापस लिया जा सकता है।

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम अन्य सिस्टमों की तुलना में सबसे सस्ता होता है क्योंकि इसमें बैकअप के रूप में यूटिलिटी ग्रिड का उपयोग होता है, जिससे अतिरिक्त खर्च नहीं होता। साथ ही इसमें सब्सिडी का लाभ भी मिलता है।

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हालाँकि, इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यदि आपके क्षेत्र में बिजली कटौती होती है, तो सोलर सिस्टम होने के बावजूद आपके यहाँ बिजली नहीं आएगी। लेकिन यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ बिजली महंगी है और कटौती की कोई समस्या नहीं है, तो यह सिस्टम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

Off-Grid Solar System (ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम)

यह सोलर पैनल सिस्टम का ऐसा प्रकार है जिसमें बैटरी का उपयोग किया जाता है। बैटरी के बिना यह सिस्टम अधूरा है। ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाकर आप पूरी तरह से स्वतंत्र बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, आपको मात्र इस बात का ध्यान रखना है की आपने अपनी जरुरत के अनुसार पर्याप्त बैटरी का उपयोग किया है। इसमें दिन के समय बनने वाली बिजली बैटरी में स्टोर होती है, जिसे आप रात के समय उपयोग कर सकते हैं।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको बिजली कटौती की कोई समस्या नहीं होगी। वहीं इसका मुख्य नुकसान यह है कि इसकी कीमत अधिक होती है और इस पर सब्सिडी नहीं मिलती।

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Hybrid Solar System (हाइब्रिड सोलर सिस्टम)

यह सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड दोनों का मिश्रण होता है। इसमें आपका सिस्टम यूटिलिटी ग्रिड से जुड़ा होता है और साथ ही बैटरी बैकअप भी उपलब्ध रहता है। इस सिस्टम को लगवाने पर आपको न बिजली कटौती की चिंता रहती है और न ही बिजली बिल के बढ़ते खर्च की।

इस हाइब्रिड सोलर सिस्टम के कई फायदे हैं, लेकिन इसका एकमात्र नुकसान यह है कि इसकी कीमत अन्य सोलर सिस्टमों से अधिक होती है और इस पर भी सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती।

आपको कौन-सा सोलर पैनल सिस्टम चुनना चाहिए?

  • सही सोलर पैनल सिस्टम का चुनाव आपकी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। यदि आपको केवल बिजली बिल कम करना है और आपके क्षेत्र में बिजली कटौती की समस्या नहीं है, तो ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त है।
  • अगर आपके इलाके में बार-बार बिजली कटती है, तो आपको ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम ही लगवाना चाहिए।
  • वहीं अगर आपके पास शुरूआती निवेश के लिए अच्छी राशि है और आप दोनों समस्याओं बिजली बिल और बिजली कटौती से छुटकारा चाहते हैं, तो हाइब्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प होगा।
akash chavan profile

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।

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