Types of Solar Panel System: सोलर पैनल कितने प्रकार के होते है

जब भी हम बिजली बचाने या घर में बिजली का बिल कम करने की सोचते हैं, तो सबसे पहले सोलर पैनल का नाम दिमाग में आता है। सोलर पैनल में एक बार थोड़े पैसे निवेश करके हम 25 से 30 सालों तक मुफ्त में बिजली का उपयोग कर सकते हैं।

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लेकिन, जब हम घर में सोलर पैनल लगाने की सोचते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में यह सवाल आता है कि हमें कौन सा सोलर पैनल लगाना चाहिए। आज के समय में बाजार में तीन तरह के सोलर पैनल उपलब्ध हैं। उन्ही सोलर पैनल के प्रकारों, उनके फायदों और नुकसानों के बारे में हम इस आर्टिकल में जानने वाले है। यह Types of solar panels की जानकारी आपको आपके घर के लिए सबसे अच्छा सोलर पैनल चुनने में मदद करेगी।

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Types of Solar Panel Systems

सोलर पैनल मुख्य रूप से तीन टाइप के होते हैं। पहला ऑन ग्रिड सोलर पैनल, दूसरा ऑफ ग्रिड सोलर पैनल और तीसरा हाइब्रिड सोलर पैनल। आपको पहले बता दे कि इन तीनों सोलर पैनल में कोई भी सोलर पैनल खराब नहीं होता है। ये तीनों सोलर पैनल अलग अलग जरूरत के हिसाब से बनाए जाते हैं, और लगाए जाते हैं। अब हम एक एक करके आपको इनकी जरूरत इनके फायदे और नुकसान बताते हैं। 

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ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम

ऑन ग्रिड सोलर पैनल सभी सोलर पैनल में सबसे कम कीमत पर उपलब्ध है। यह सोलर पैनल हमारे घरों में आने वाली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई के साथ जुड़ा हुआ होता है। इस सोलर पैनल के अंदर बैटरी का उपयोग नहीं किया जाता। ऑन ग्रिड सोलर पैनल के अंदर हम सोलर से बनने वाली इलेक्ट्रिसिटी को पावर ग्रिड को भी भेज सकते हैं। 

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ऑन ग्रिड सोलर पैनल का काम।

यह पैनल बहुत आसान तरीके से काम करता है। इसको घर में लगाने के बाद, अगर कभी हमारा सोलर पैनल ज्यादा पावर दे रहा है और इससे बनने वाली पावर का हमारे घर पर पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है, तो इससे एक्स्ट्रा बनने वाली बिजली पावर ग्रिड में चली जाती है। पावर ग्रिड में जाने वाली एक्स्ट्रा बिजली एक तरीके से हम पावर कंपनी को उधार में दे देते हैं। इसके बाद, जब हमारा सोलर पैनल कम बिजली बनाता है, तो हम पावर ग्रिड को दी गई इलेक्ट्रिसिटी को वापिस से उपयोग कर सकते हैं। यह काम अपने आप ऑटोमेटिक होता है।

ऑन ग्रिड सोलर पैनल का फायदा और नुकसान।

ऑन ग्रिड सोलर पैनल सबसे सस्ता सोलर पैनल होता है। इसे घर में लगाना बाकी सोलर पैनल से काफी आसान होता है। इसकी वर्किंग भी बाकी के मुकाबले बहुत आसान होती है और इसकी मदद से हम काफी ज्यादा बिजली की सेविंग कर सकते हैं।

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वहीँ नुकसान की बात करे तो इसमें सिर्फ एक ही नुकसान है कि जब भी हम पावर ग्रिड से बिजली लेते हैं, वह अगर कट हो जाती है तो लाइट जाने के बाद यह सोलर पैनल काम नहीं करता। मतलब उस समय आप सोलर पैनल का इस्तेमाल करके अपने घर के किसी भी उपकरण को नहीं चला सकते; क्योंकि ऑन ग्रिड सोलर पैनल जब तक घर में सप्लाई आएगी तब तक ही काम करता है।

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ऑफ ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम

ऑफ-ग्रिड सोलर पैनल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सोलर पैनल है। यह खासतौर पर उन जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है जहां बिजली कटौती की समस्या बहुत ज्यादा होती है। इस पैनल की मदद से बिजली कटौती के दौरान भी उपकरणों को चलाया जा सकता है। यह कीमत में ऑन-ग्रिड सोलर पैनल से थोड़ा महंगा होता है क्योंकि इसमें बैटरी भी लगानी पड़ती है।

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ऑफ ग्रिड सोलर पैनल का काम। 

ऑफ ग्रिड सोलर पैनल में दिन के समय, सोलर पैनल की मदद से हम घर के सभी उपकरणों को चलाते रहते हैं और सोलर से बनने वाली अतिरिक्त बिजली हमारी सोलर बैटरी में चली जाती है, जिससे हमारी बैटरी चार्ज होती रहती है। इसके बाद, जब शाम हो जाती है, सोलर पैनल बिजली देना बंद कर देते हैं और तब हमारे घर के उपकरण चार्ज हो चुके बैटरी से चलने लग जाते हैं। और अगर रात में हमारी बैटरी पूरी तरह से डिस्चार्ज हो जाती है तो घर के उपकरण पावर ग्रिड से आने वाली पावर सप्लाई पर चलने लग जाते हैं।

ऑफ ग्रिड सोलर पैनल का फायदा और नुकसान।

इस सोलर पैनल में घर की बिजली जाने पर हमारे सभी उपकरण बैटरी से चलने लगते हैं। ऑफ-ग्रिड पैनल की मदद से हम उन जगहों पर भी 24 घंटे बिजली का उपयोग कर सकते हैं जहाँ पावर ग्रिड की सप्लाई नहीं जाती। नुकसान की बात करें तो, ऑफ-ग्रिड सोलर पैनल की कीमत ऑन-ग्रिड सोलर पैनल के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि इसमें बैटरी का उपयोग किया जाता है।

इसकी बैटरी को समय-समय पर मेंटेन करके रखना होता है। अन्यथा इसकी आयु कम हो जाती है और यह बहुत जल्दी खराब हो जाती है। इन सोलर बैटरी की औसत आयु 5 से 7 साल तक होती है। इसके बाद हमें इन बैटरियों को फिर से बदलना पड़ता है और नई बैटरियों पर खर्च करना पड़ता है।

हाइब्रिड सोलर पैनल सिस्टम

हाइब्रिड सोलर पैनल अभी तक का सबसे एडवांस सोलर पैनल है, लेकिन अभी यह सोलर पैनल इसकी कीमत की वजह से काफी कम जगह ही लगाया जाता है। यह ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड दोनों तरह के सोलर पैनल को मिलाकर बनाया जाता है। पहले हम हाइब्रिड सोलर पैनल की वर्किंग के बारे में जान लेते हैं। 

हाइब्रिड सोलर पैनल का काम।

हाइब्रिड सोलर पैनल में दिन के समय हमारे घर के सभी उपकरण सोलर पैनल से मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी पर चलते हैं। इसके साथ सोलर पैनल से बनने वाली एक्स्ट्रा बिजली से सबसे पहले हमारी बैटरी चार्ज होती है और बैटरी चार्ज होने के बाद जो हमारी पावर बच जाती है वह एक्स्ट्रा पावर ग्रिड को भेज दी जाती है। पावर ग्रिड को जाने वाली बिजली हमेशा नेट मीटरिंग मीटर से होकर जाती है। 

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यह मीटर हमें अभी तक कितनी बिजली हम पावर ग्रिड को भेज चुके हैं उसकी जानकारी बताता है। जिस प्रकार से हमारे घर में ग्रिड से आने वाली बिजली के लिए एक मीटर लगा होता है और वह हमारा बिल कैलकुलेट करता रहता है। उसी प्रकार से नेट मीटरिंग मीटर उसका बिल्कुल उल्टा काम करता है कि हमारे सोलर पैनल से कितनी बिजली हम पावर ग्रिड को भेज चुके हैं और यह उसका बिल बताता है की इतनी यूनिट बिजली हम पावर ग्रिड को भेज चुके हैं। 

हाइब्रिड सोलर पैनल का फायदा और नुकसान।

हाइब्रिड सोलर पैनल के माध्यम से हम अपने घर के उपकरणों को तीन तरह से चला सकते हैं: पहला, सोलर पैनल की मदद से; दूसरा, बैटरी की मदद से; और तीसरा, पावर ग्रिड की सप्लाई से। इस सोलर पैनल की मदद से हम अपने बिजली के बिल को लगभग शून्य रुपये तक कम कर सकते हैं।  हाइब्रिड सोलर पैनल में ऑन ग्रिड सोलर पैनल की तरह हम जो एक्सट्रा पावर बचती है उसको पावर ग्रिड को बेच भी सकते हैं। 

वहीँ नुकसान देखें तो हाइब्रिड सोलर पैनल की कीमत दूसरे सोलर पैनल से काफी ज्यादा होती है। इनमें भी ऑफ ग्रिड सोलर पैनल की तरह बैटरी का उपयोग किया जाता है। इस कारण बैटरी का मेंटेनेंस बार बार करना पड़ता है और एक टाइम के बाद हमें फिर से बैटरी चेंज करनी पड़ती है। इसका इंस्टॉलेशन बाकी सोलर पैनल के मुकाबले थोड़ा मुश्किल होता है। एक बार सेटअप होने के बाद यह सबसे बढ़िया सोलर पैनल कहलाता है। 

निष्कर्ष:

दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको Types of solar panels के बारे में विस्तार से बताया है। अभी इसका इस्तेमाल धीरे-धीरे सभी इलाकों में किया जा रहा है, ऐसे में अगर आप सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं तो इसके प्रकार के बारे में जानना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप best types of solar panels के बारे में जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को ध्यान से पूरा पढ़ें। उम्मीद करता हूं कि यह लेखक को पसंद आया होगा और इससे अच्छी जानकारी मिली होगी। इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

Frequently Asked Questions

  • सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं?

    सोलर पैनल तीन प्रकार के होते हैं, ऑन  सोलर पैनल, ऑफ ग्रिड सोलर पैनल और हाइब्रिड सोलर पैनल।

  • सबसे महंगा कौन सा सोलर पैनल होता है?

    सबसे महंगा हाइब्रिड सोलर पैनल होता है?

  • सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सोलर पैनल कौन सा है?

    सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऑफ ग्रिड सोलर पैनल है।

akash chavan profile

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।

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