बायफेशियल सोलर पैनल क्या है? फायदे, नुकसान, कीमत और ख़ास फीचर्स

बायफेशियल सोलर पैनल: यह एक ऐसा डिवाइस होती हैं जो सूर्य की प्रकाश और उष्मीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। एक तरफ जहां पेट्रोल डीजल कोयला जैसे संसाधन पृथ्वी पर सीमित मात्रा में मौजूद हैं तो वहीं दूसरी तरफ सूर्य इस पृथ्वी की ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है।

सौर ऊर्जा नाभिकीय संलयन से उत्पन्न होती है इसीलिए इस ऊर्जा संसाधन को असीमित और प्राकृतिक संसाधन माना जाता है। जब सूर्य की ऊष्मा और प्रकाश सोलर पैनल की परत पर पड़ती है तो वह इसका अवशोषण करते हैं तथा इसकी प्रकाश और ऊष्मा को विद्युत ऊर्जा में बदल देते हैं।

सोलर पैनेल को लेकर ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस सोलर पैनल में सौर ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है उसकी विद्युत ऊर्जा उत्पादन क्षमता अर्थात दक्षता भी सबसे ज्यादा होती है।

वैसे तो अभी तक विज्ञान और तकनीकी की मदद से कई तरह के सोलर पैनल्स विकसित किया जा चुके हैं लेकिन सौर ऊर्जा के अवशोषण के मामले में बाईफेशियल पैनल  सभी सोलर पैनल्स में सबसे ज्यादा कारगर साबित हुआ है।

प्रकाश की ज्यादा अवशोषण क्षमता होने के कारण इस तरह के सोलर पैनल ज्यादा उत्पादन क्षमता वाले होते हैं। उनकी दक्षता मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन और PERC  सोनल पैरेलल के मुकाबले सबसे ज्यादा होती है।

बेहतरीन ऊर्जा उत्पादन क्षमता की वजह से सोलर पैनल्स की दुनिया में यह पैनल सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं जिसका इस्तेमाल भारी संख्या में लोग ज्यादा ऊर्जा उत्पादन के लिए करते हैं। चलिए इस लेख के माध्यम से आज बाईफेशियल सोलर पैनल्स की खूबियां नुकसान और कीमत जानते हैं।

बाईफेशियल सोलर पैनल क्या है?

बाईफेशियल का मतलब द्विमुखी होता है यानी कि ऐसा सोलर पैनल जिसकी दोनों तरफ की परत ऊर्जा अवशोषण और उत्पादन की क्षमता रखती है।

आमतौर पर जो ट्रेडिशनल सोलर पैनल होते हैं उनका केवल अगला भाग ही सौर ऊर्जा को अवशोषित करता है तथा उसी ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है लेकिन बाई-फेशियल सोलर पैनल में अगला और पिछला भाग दोनों ही सूर्य की ऊर्जा का अवशोषण करते हैं तथा दोनों भारी मात्रा में विद्युत ऊर्जा इलेक्ट्रिसिटी पैदा करते हैं।

बाईफेशियल सोलर पैनल्स के काम करने की प्रक्रिया अन्य सोलर पैनल्स के मुकाबले थोड़ी अलग होती है। इनका अगला भाग फोटोवॉल्टिक सेल की बदौलत सीधा सूर्य का प्रकाश अवशोषित करता है जबकि इनका पिछला भाग परावर्तीतर अर्थात रिफ्लेक्ट हुई सौर करने से ऊर्जा का अवशोषण करता है।

अगर बाई फेशियल सोलर पैनल्स को हाईली रिफ्लेक्टिव सतह अर्थात उच्च प्रवर्तक सतह जैसे बर्फीली और रेतीली सतह पर इंस्टॉल किया जाए तो यह बिजली उत्पादन क्षमता को 30% तक बढ़ा सकता है।

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बाईफेशियल सोलर पैनल्स की विशेषता या फीचर्स

यह सोलर पैनल्स अपने दोनों भागों से सूर्य की ऊर्जा का अवशोषण करते हैं और भारी मात्रा में बिजली पैदा करते हैं।

बर्फीली और रेतीली सतह पर इन्हें इंस्टॉल करने पर इनकी उत्पादन क्षमता तकरीबन 30 परसेंट तक बढ़ जाती है।

बाईफेशियल सोलर पैनल्स की विधुत ऊर्जा उत्पादन क्षमता 18% से लेकर 28% तक होती है जो कि सर्वाधिक है। इन सोलर पैनल्स की बनावट काफी आकर्षक होती है साथ ही साथ यह लंबा चलते हैं।

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बाईफेशियल सोलर पैनल के फायदे

बाई फेशियल सोलर पैनल्स अगली और पिछली दोनों सतह से सौर ऊर्जा का अवशोषण करते हैं इसलिए उनकी उत्पादन क्षमता अन्य सोलर पैनल के मुकाबले सबसे ज्यादा होती है।

बर्फीली और रेतीली जैसी हाईली रिफ्लेक्टिव सतहों पर इन सोलर पैनल्स के उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है जो इन्हें अन्य सोलर पैनल्स से अलग और बेहतर बनाती है।

बाईफेशियल सोलर पैनल्स को अन्य सोलर पैनल की तुलना में कई तरीकों से इनस्टॉल किया जा सकता है। बाईफेशियल सोलर पैनल बेहतरीन दक्षता के साथ-साथ पर्यावरण पर सबसे कम प्रभाव डालते हैं क्योंकि यह ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करते हैं।

बाई फेशियल सोलर पैनल्स का जीवनकाल अन्य सोलर पैनल्स की तुलना में ज्यादा होता है और यह ज्यादा साल की वारंटी के साथ आते हैं।

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बाईफेशियल सोलर पैनल्स का नुकसान

बाईफेशियल सोलर पैनल्स ट्रेडिशनल सोलर पैनल्स की अपेक्षा कृत काफी ज्यादा महंगे होते हैं इसलिए इन्हें सभी खरीद नहीं पाते। ज्यादा प्रारंभिक लागत के कारण इनका इस्तेमाल कम होता है।

बाईफेशियल सोलर पैनल्स सिलेक्टिव सतह पर शानदार प्रदर्शन करते हैं लेकिन यह ज्यादा प्रभावी केवल अन सतह पर होते हैं जहां प्रवर्तन ज्यादा होता है। इसलिए यह सभी जगह पर इंस्टॉल करने के लिए उपयुक्त नहीं होते है।

बाईफेशियल सोलर पैनल्स की कीमत

बाईफेशियल सोलर पैनल्स की प्रारंभिक लागत मोनोक्रिस्टल पॉली क्रिस्टलाइन और PERC सोलर पैनल में सबसे ज्यादा होती है लेकिन यह उन सभी से ज्यादा टिकाऊ और उत्पादन क्षमता वाले होते हैं। भारत में बाय फेशियल सोलर पैनल्स की कीमत 33 से 36 रुपए प्रति वॉट तक पड़ती है।

आइए भारत में बाईफेशियल सोलर पैनल की कीमत पर एक नजर डालते हैं।

सोलर पैनल की क्षमताकीमत (Price In India)
440 Watt Solar PanelRs. 15840
450 Watt Solar PanelRs. 15750
460 Watt Solar PanelRs. 16100
470 Watt Solar PanelRs. 16800
480 Watt Solar PanelRs. 16660
490 Watt Solar PanelRs. 17000
500 Watt Solar PanelRs. 11,550
530 Watt Solar PanelRs. 18020
540 Watt Solar PanelRs. 17820
550 Watt Solar PanelRs. 18150

Frequently Asked Questions

  1. बाईफेशियल सोलर पैनल्स ज्यादातर कहां लगाए जाते हैं?

    बाईफेशियल सोलर पैनल को लगाने के लिए सबसे उपयुक्त जगह बर्फीले और रेतीले क्षेत्र हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परावर्तन होता है जिससे पिछले भाग का अवशोषण बढ़ जाता है और ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है।

  2. बाईफेशियल सोलर पैनल लगवाने में कितना खर्च आता है?

    बाई फेशियल सोलर पैनल लगवाने में तकरीबन प्रति वाट क्षमता के पीछे ₹32 से लेकर ₹38 तब का खर्चा आता है।

  3. सबसे बढ़िया सोलर पैनल कौन सा है?

    विद्युत ऊर्जा उत्पादन क्षमता के मामले में बाई फेशियल सोलर पैनल सबसे बढ़िया सोलर पैनल्स हैं। हालांकि इनका दाम थोड़ा ज्यादा होता है।

akash chavan profile

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।

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