UP Solar Panel Subsidy List: साथियों आप अगर यूपी में रहते हो तो आपके लिए एक बोहत ही बड़ी ख़ूशख़बरी है, क्युकी यूपी में सोलर पैनल लगाने पर आप तरह तरह की सोलर पैनल योजनाओं का लाभ उठा सकते हो। यूपी सरकार द्वारा सोलर पैनल लगाने पर आप अच्छा खासा पैसा बचा सकते हो। अगर आप सोलर पैनल योजना उत्तर प्रदेश की पूरी लिस्ट (UP Solar Panel Subsidy List) के बारे में जानना चाहते हो तो इसक लेख को अंत तक जरूर पढ़ना क्योंकि इस लेख में हम UP Solar Panel Subsidy List के बारे में बताने वाले है, जिन्हे जानने के बाद आप भी अपने घर या दूकान में सोलर पैनल लगाने की सोचोगे।
सोलर सब्सिडी का मतलब क्या होता है? (What is meant by solar subsidy?)

सोलर सब्सिडी, यानी सौर उर्जा सब्सिडी, उत्तर प्रदेश में एक ऐसी विशेष योजना है जिसके अंतर्गत सरकार आपको सोलर पैनल लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को अपनी बिजली की खपत कम करने और अपनी बिजली उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यह योजना खासकर गरीब और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए है, जिनके पास अपना आवास हो। इस योजना के तहत, सरकार सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। यदि आप 2 किलोवाट का सोलर पैनल लगाते हैं, तो इसकी लागत लगभग 1.20 लाख रुपये होती है। लेकिन, सरकार की 40% सब्सिडी के साथ, आपकी लागत सिर्फ 72,000 रुपये हो जाती है। यह योजना न केवल आपको बिजली बचत में मदद करती है, बल्कि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नवीनीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, इस योजना के तहत, आपको हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली भी प्रदान की जाती है। इससे आपके बिजली के खर्च में और अधिक कमी आती है। सोलर सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए, आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा । इसके बाद, सब्सिडी की राशि आपके खाते में 30 दिनों के भीतर जमा की जाएगी।
सोलर सब्सिडी का मतलब होता है सरकारी सहायता से अपनी बिजली उत्पादन करना और बिजली के खर्च को कम करना ।
आइये यूपी सोलर पैनल सब्सिडी लिस्ट के बारे में भी जान लेते है।
UP Solar Panel Subsidy List
साथियों यूपी सरकार की सोलर योजना (up government solar panel scheme) की बात करे तो आपको उत्तर प्रदेश में सोलर पैनल की कई सोलर योजनाए देखने मिलेंगी आइये एक एक कर उन सभी यूपी सोलर पैनल योजनाओं के बारे में जान लेते है।
1. मुख्यमंत्री सौर कृषि योजना (Mukhyamantri Solar Krishi Yojana)
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री सौर कृषि योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई के लिए सशक्त बनाना है। योजना के तहत, किसानों को सौर पंप और सौर पैनल स्थापित करने के लिए 70% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को दिन के समय खेतों की सिंचाई करने में मदद मिलेगी और उनकी बिजली की लागत में भी कमी आएगी। योजना का लक्ष्य प्रदेश में 30,000 सौर पंप स्थापित करना है। इससे किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
2. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा (PM Kusum Yojana)
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum Yojana) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
पीएम-कुसुम योजना के तीन मुख्य घटक हैं :
- घटक-क: यह घटक लघु सौर विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए है जो 2 मेगावाट तक की क्षमता रखते हैं।
- घटक-ख: इसके अंतर्गत 20 लाख स्टैंड-अलोन सौर चालित कृषि पंपों की स्थापना की जाएगी।
- घटक-ग: इस घटक के अंतर्गत 15 लाख ग्रिड संबद्ध कृषि पंपों का सौरीकरण किया जाएगा।
इस योजना के तहत, केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) और राज्य सरकार की सहायता उपलब्ध है। इसके अलावा, किसानों को उनके खेतों में सौर पैनल स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वे अपनी सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं और अतिरिक्त ऊर्जा को डिस्कॉम्स को बेच सकते हैं।
3. सोलर रूफटॉप योजना (Solar Rooftop Scheme)
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को सस्ती और स्थायी ऊर्जा प्रदान करना है। इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी और इसके तहत तीन प्रमुख घटक शामिल हैं।
पहला घटक है, सोलर पंपों की स्थापना। इसके तहत, सरकार किसानों को सब्सिडी के माध्यम से सोलर पंप मुहैया कराती है, जिससे वे बिजली की कमी से मुक्त हो सकें और सिंचाई के लिए आसानी से ऊर्जा प्राप्त कर सकें। इससे न केवल ऊर्जा का खर्च कम होता है, बल्कि फसल उत्पादन भी बढ़ता है।
दूसरा घटक है, सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना। इस योजना के तहत, किसान अपनी बंजर या अनुपयोगी भूमि पर सोलर पावर प्लांट्स स्थापित कर सकते हैं। इससे उत्पादित बिजली को ग्रिड में बेचकर वे अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। तीसरा घटक है, ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों का सोलराइजेशन। इसमें कृषि पंपों को सोलर ऊर्जा से जोड़ा जाता है, जिससे बिजली की बचत होती है और किसानों को निर्बाध बिजली मिलती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, किसानों की आय में वृद्धि करना, ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना। पीएम-कुसुम योजना किसानों के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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4. मुख्यमंत्री कुसुम योजना (Mukhyamantri Kusum Yojana)
मुख्यमंत्री कुसुम योजना, जिसे प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum) योजना के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्रचार करना है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए सौर शक्ति का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
मुख्य उद्देश्य:
PM Kusum योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है ।इसमें पारंपरिक सिंचाई प्रणाली को सौर ऊर्जा से चालित पंपों से बदलना, डीजल और विद्युत पंपों के उपयोग को कम करना, और सौर ऊर्जा से संचालित कृषि आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना शामिल है ।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- सौर पंप: यह योजना सिंचाई के उद्देश्यों के लिए सौर ऊर्जा से चालित पंपों की स्थापना को सुविधाजनक बनाती है ।
- ग्रिड कनेक्टिविटी: PM Kusum योजना सौर पंपों के लिए ग्रिड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती है, जिससे किसान अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड को वापस बेच सकते हैं।
सरकारी सब्सिडी: सरकार सौर पंपों और संबंधित आधारभूत संरचना की स्थापना के लिए किसानों को वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान करती है।
सोलर सब्सिडी के क्या फायदे हैं? (What are the benefits of solar subsidy?)
सोलर सब्सिडी की वजह से घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए सौर पैनलों की लागत कम हो जाती है, उदाहरण के लिए, अगर कोई घरेलू उपयोगकर्ता 2 किलोवाट की सौर प्रणाली की स्थापना करता है, तो कुल लागत 1.20 रुपये प्रति इकाई होती है, लेकिन सरकार 40% की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे लागत 72,000 रुपये हो जाती है, यानी 48,000 रुपये की बचत होती है। सौर पैनल घरेलू उपयोगकर्ताओं को बिजली ग्रिड पर कम निर्भर होने में सक्षम करते हैं, जिससे बिजली की कटौती के दौरान सतत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां बिजली की आपूर्ति अनियमित होती है। सौर पैनल शुद्ध ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जिससे जीवाश्म ईंधन की आवश्यकता कम होती है और हरित गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है। यह जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण को संभालने में महत्वपूर्ण है। इन फायदों के अलावा, सौर पैनलों का उपयोग करने से बिजली के बिल कम होते हैं, घरेलू उपयोगकर्ताओं को बिजली उत्पादन में स्वतंत्रता मिलती है, और संपत्ति की मूल्यवृद्धि होती है।
सिस्टम | बेंचमार्क लागत( ₹/ W) |
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1kw | ₹60,000 – ₹70,000 |
1 kW से 2 kW तक | ₹55,000 – ₹65,000 प्रति kW |
2 kW से 3 kW तक | ₹50,000 – ₹60,000 प्रति kW |
3 kW से 10 kW तक | ₹45,000 – ₹55,000 प्रति kW |
10 kW से 100 kW तक | ₹40,000 – ₹50,000 प्रति kW |
100 kW से 500 kW तक | ₹35,000 – ₹45,000 प्रति kW |
यदि आपने नवीनतम प्रौद्योगिकी उत्पाद के साथ सौर प्रणाली स्थापित करने की योजना बनाई है तो औसत लागत रु। पूरे भारत में 60,000 प्रति किलोवाट लेकिन हर राज्य में कीमत थोड़ी भिन्न है। यह बिना सब्सिडी के औसत मूल्य है जिसमें उत्पाद लागत, स्थापना लागत, नेट मीटरिंग सुविधा के साथ 5 वर्षों की सेवा लागत शामिल है।
सब्सिडी योजना के लाभ:
- लागत में कमी: सौर पैनल सिस्टम की स्थापना पर प्रारंभिक लागत को कम करने में मदद।
- ऊर्जा स्वतंत्रता: ग्रिड से स्वतंत्र होकर अपनी बिजली उत्पन्न करने की क्षमता।
- पर्यावरण संरक्षण: जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करके पर्यावरण के लिए लाभकारी।
सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करने के इच्छुक लोगों के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से बड़े अवसर प्रदान करती हैं। केंद्र सरकार सामान्य श्रेणी के राज्यों के निवासियों को इन सोलर प्रणालियों पर 30% सब्सिडी देती है, जबकि उत्तराखंड, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप जैसे विशेष राज्यों के लिए यह सब्सिडी 70% तक बढ़ जाती है।
इसे भी जरूर पढ़िए: सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना में आवेदन कैसे करें?
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘यूपी सोलर रूफटॉप योजना’ एक महत्वपूर्ण पहल है जो राज्य के निवासियों को सोलर पैनल स्थापित करने के लिए अनुदान प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य बढ़ते बिजली के बिल और ऊर्जा की कमी को दूर करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग बढ़ावा देना है। योजना के अंतर्गत, 3 किलोवाट सोलर पैनल स्थापित करने पर 40% सब्सिडी और 10 किलोवाट सोलर पैनल पर 20% सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह योजना विशेष रूप से गरीब और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह उनके बिजली खर्च को कम करती है और उन्हें अपनी बिजली उत्पादन करने में सक्षम बनाती है।सोलर सब्सिडी योजना के कई फायदे हैं, जैसे कि बिजली की लागत में कमी, ऊर्जा स्वतंत्रता, और पर्यावरण संरक्षण। इसके अलावा, योजना के तहत परिवारों को 20 वर्षों तक मुफ्त बिजली की सुविधा मिल सकती है।
Frequently Asked Questions
यूपी में 3 kW तक के सोलर सिस्टम के लिए प्रति kW ₹18,000 की सब्सिडी मिलती है।
उत्तर प्रदेश में रहने वाला कोई भी व्यक्ति, जिसके पास छत पर जगह है और ग्रिड से जुड़े सोलर सिस्टम लगवाना चाहता है।
UPNEDA की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
यह सब्सिडी सोलर पैनल लगवाने की लागत को काफी कम कर देती है। इससे बिजली के बिल में भी बचत होती है।
साथियों उम्मीद है की सोलर पैनल योजना उत्तर प्रदेश की पूरी लिस्ट (UP Solar Panel Subsidy List) की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताना।

दोस्तों में इस सोलर ब्लॉग का एडमिन हूँ, इस ब्लॉग पर में रोजाना सोलर पैनल, सोलर ऊर्जा, सोलर योजना और सोलर प्रोडक्ट्स से जुडी जानकारी शेयर करता हूँ।
Ho payega
हां जरूर हो पायेगा।
2 किलो वाट 16 पैनल लगवाने में कितना खर्चा आएगा और इसके साथ क्या-क्या मिलेगा इसकी जानकारी चाहिए